छात्रा मूल रूप से सीवान की रहने वाली थी। पटना के दीघा रामजीचक में उसके परिजन रहते हैं। रिंपा के पिता सुरेंद्र रजक इंजीनियर है, जबकि दादा रिटायर्ड दरोगा है। परिजनों ने सबूत पुलिस को फोन कर कहा है कि जब तक वह लोग BAU पहुंचकर लाश को नहीं लेते हैं, तब तक उसे फंदे से नहीं उतारा जाएगा।
छात्रों ने 4 घंटे तक किया हंगामा पुलिस से धक्का-मुक्की
छात्रा की मौत से आक्रोशित छात्रों ने कैंपस में दोपहर 12:30 बजे से राम 4:30 बजे तक 4 घंटे तक जमकर हंगामा किया और वीसी आर के सुहाने BSW डॉ राजेश कुमार डायरेक्टर सीड डॉ पी के सिंह और मीडिया कर्मियों को 3 घंटे तक बंधक बनाए रखा। आक्रोशित छात्रों ने भी तरसे गेट में ताला बंद कर दिया और धरने पर बैठ गए। पुलिस वालों से धक्का-मुक्की करते हुए फर्स्ट फ्लोर पर पहुंच गए। छात्रों की मांग थी कि छात्रा को फंदे से उतारा जाए। जबकि पुलिस FSL टीम के आने तक इंतजार कर रही थी। इस पर छात्र पुलिस वालों से भिड़ गए समाचार संकलन करने गए मीडिया कर्मियों को भी Hostel में बंद कर दिया। मुट्ठी भर पुलिस वाले छात्रों के आक्रोश के आगे बेबस नजर आ रहे थे। छात्रों का यह भी आरोप था कि इतने कम नंबर से कई छात्र-छात्राओं का Back lock लगा है। हंगामा बढ़ते देख पुलिस लाइन से अतिरिक्त फोर्स भी बुलाया गया। घटना की जानकारी पाकर विधि व्यवस्था डीएसपी निसार अहमद शाह सबौर, सीओ विक्रम भास्कर झा, थानेदार सुनील कुमार झा मौके पर पहुंच मामले की जांच की है। एफ़एसएल टीम को भी बुलाया गया। FSL ने फिलहाल अपनी Report Police को नहीं दी है। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है, लेकिन घटनास्थल के सबूत कुछ और ही इशारा कर रहे हैं।
● कैसे बांधा फंदा।
छात्रा की लाश सीलिंग फैन मैं दुपट्टे के फंदे से बंधा हुआ था और दोनों पैर जमीन से सटा हुआ था। जमीन से सीलिंग फैन की ऊंचाई करीब 8 फीट के आसपास थी। कमरे में बिस्तर को छोड़कर कुर्सी टेबल या कोई सहारा नहीं था। जिस पर खड़े होकर सीलिंग फैन में फंदा बांधा जाए फिर छात्राएं कैसे फंदा बंदा।
● दोनों पैर जमीन पर थे तो फिर आत्महत्या कैसे की।
छात्रा का दोनों पैर जमीन से सटा हुआ था। जैसे वह जमीन पर खड़ी हो और गर्दन फंदे में बांधा हुआ हो। ऐसी स्थिति में कोई आत्महत्या कैसे कर सकता है। कोई आत्महत्या के लिए हवा में दोनों पैरों का जुड़ना जरूरी है।
● भीतर से बंद थी छिटकनी तो बाहर से खुला कैसे।
जिस कमरे में छात्रा की लाश मिली उसके दरवाजे की छिटकनी भीतर से बंद थी। लेकिन वह छिटकनी बाहर से कैसे खुली। पुलिस का दावा है की बहार से धक्का देने के कारण छिटकनी खुल गई। लेकिन पुलिस ने इसका डेमो करा कर नहीं देखा।
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