ISRO के साल के पहले मिशन का काउंटडाउन शनिवार से शुरू हो गया था। आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C51/Amazonia-1 Mission को आज सुबह 10 बजकर 24 मिनट में Launch किया। इस रॉकेट में ब्राज़ील के Amazonia-1 Satellite के साथ 18 Nano Satellite और America के 13 Satellite Launch किये गए। यह Launching अंतरिक्ष विभाग द्वारा बनाई गई कंपनी New Space India Limited की पहली Commercial Mission है। यह ऐसी पहली लॉन्चिंग है, जिसमे मुख्य सैटेलाइट भारतीय नही है।
● PSLV और SSLV दोनो में क्या अंतर है?
ISRO के चेयरमैन Dr. Sivan के मुताबिक, PSLV के निर्माण में 60 दिन लगते है, जबकि SSLV को असेंबल करने में 72 घंटे मतलब 3 दिन लगते है। PSLV में 600 लोगो की जरूत होती है, जबकि SSLV में सिर्फ 6 लोगो की जरूरत होती है। SSLV D-1 की पहली Launching आखरी मार्च या अप्रैल में हो सकती है।
भारत अब तक 34 देशों के 342 सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है। दूसरी और, ISRO अब SSLV यानी छोटे सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। जिससे 70 फीसद तक खर्च कम हो जाएगा। ISRO के मुताबिक PSLV रॉकेट की लॉन्चिंग में 210 से 270 करो रुपया का खर्च आता है। ISRO अगले 2 महीने के भीतर SSLV (Small Satellite Launch Vehicle) का परीक्षण करने वाला है। इसके अलावा तमिलनाडु के थूथूकुुुड़ी जिले के कुलाशेखरट्टीम में लांच साइट का विकसित हो रहा है। इसके बाद लॉन्चिंग गतिविधियां तेज हो सकती है और 500 किलोग्राम तक कि लॉन्च SSLV से होंगे। इसमें बड़े और राष्ट्रीय महत्व की लॉन्चिंग में PSLV और GSLV का इस्तेमाल होगा।
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