जज ने कहा सभी संबंधित पक्ष आपसी सहमति से फैसला नहीं ले पाए तब हम हस्तक्षेप करेंगे।
कहा कि आपसी सहमति से जो भी निर्णय हो उसकी जानकारी कोर्ट को दें, ताकि निर्णय लिया जा सके। सुबे में होने वाली आगामी पंचायत चुनाव के लिए ईवीएम की आपूर्ति करने के लिए राज्य निवार्चन आयोग की तरफ से पटना हाई कोर्ट में यह रिट याचिका दायर की गई है। याचिका में भारत के निवार्चन आयोग द्वारा 21 जुलाई 2020 को जारी पत्र के उस आदेश को चुनौती दी गई है। जिसमें कहा गया है कि हरेक राज्य निवार्चन आयोग को ईवीएम/वीवीपैट मशीनों की आपूर्ति व डिजाइन लेने से पहले भारत निर्वाचन आयोग की मंजूरी लेनी होगी।
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देश में चुनाव के दौरान अगर किसी क्षेत्र में नोटा (नॉन ऑफ द अबव) को सभी उम्मीदवारों से ज्यादा वोट मिले तो उस क्षेत्र का चुनाव रद्द किया जाए। इस मांग के साथ वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच के केंद्र व चुनाव आयोग को नोटिस जारी किए हैं। चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में नोटा यानी उपरोक्त में से कोई नहीं विकल्प शामिल किया हुआ है। मतदाता अपने क्षेत्र के किसी भी उम्मीदवार को चुनने लायक ना पाए तो वह NOTA का इस्तेमाल कर सकता है।
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